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म्यांमार में नरसंहार का विरोध संयुक्त राज्य अमेरिका से भारत तक

16:29 - September 16, 2017
समाचार आईडी: 3471818
अंतर्राष्ट्रीय समूह: विभिन्न देशों के सैकड़ों लोगों ने विरोध प्रदर्शन करते हुऐ रोहंग्या मुस्लिमों के नरसंहार की निंदा की है और इस नरसंहार के अंत की मांग की है।
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अंतर्राष्ट्रीय कुरान समाचार एजेंसी (IQNA) एनाटोलियन समाचार एजेंसी के अनुसार, न्यूयॉर्क में, कल, 15 सितंबर को, म्यांमार में रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यकों के खिलाफ लगातार हिंसा के विरोध में हजारों लोग संयुक्त राष्ट्र मुख्यालय के पास इकट्ठा हुए और विरोध प्रदर्शन किया।

यह प्रदर्शन कई इस्लामिक गैर-सरकारी संगठनों द्वारा आयोजित किया गया था, और वक्ताओं ने म्यांमार के अधिकारियों से कहा कि इस रक्तपात को समाप्त करें।

सैकड़ों जर्मन लोगों ने भी कल शुक्रवार (15 सितंबर) के आखिरी घंटों में म्यांमार के रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यकों की हत्या के विरोध में बर्लिन में विरोध किया।

प्रदर्शनकारियों ने हाथों में तख्तियों को पकड़े और म्यांमार में मुसलमानों की हत्या की निंदा के नारे लगाते हुऐ, नरसंहार को समाप्त करने की मांग की।

दक्षिण अफ्रीका में, लगभग 2,500 प्रदर्शनकारियों ने प्रिटोरिया शहर में म्यांमार दूतावास के खिलाफ़ राख़ीन राज्य में रोहिंगिया मुस्लिमों की हत्या की निंदा की।

दक्षिण अफ्रीका के मुस्लिम उम्मा के महासचिव इब्राहिम बहाम ने इन अपराधों के खिलाफ नोबेल शांति पुरस्कार विजेता आंग सान सू ची की चुप्पी पर आश्चर्य व्यक्त किया।

दक्षिण अफ्रीकी बौद्ध समाज का विरोध

दक्षिण अफ्रीकी बौद्धों के प्रतिनिधियों ने भी विरोध प्रदर्शनकर्ताओं में शरी होगऐ और हिंसा को खत्म करने और रोहिंग्या मुसलमानों की मदद करने के लिए दुनिया भर के बौद्धों से कार्रवाई करने की मांग की।

कुछ बौद्ध और मुस्लिम प्रदर्शनकारियों ने एक बैनर उठा रखा था जिस पर लिखा था बर्मा में नरसंहार के विरुद्ध बौद्ध और इस्लाम धर्म एकजुट हैं।

बांग्लादेश में म्यांमार के ख़िलाफ़ युद्ध की घोषणा

रिपोर्टों से यह भी पता चलता है कि बांग्लादेश में इस्लामिक समूहों के हजारों समर्थकों ने रोहिंग्या मुसलमानों के समर्थन में विरोध किया और म्यांमार सरकार के खिलाफ युद्ध का आहवान किया। उन्होंने इस देश पर रोहिंग्या मुस्लिमों के नरसंहार से युद्ध शुरू करने का आरोप लगाया।

बांग्लादेश पुलिस के एक सुरक्षा सूत्र ने बताया कि म्यांमार में सुरक्षा बलों द्वारा राख़ीन के निवासियों पर कार्रवाई के खिलाफ प्रदर्शनकारियों ने विरोध प्रदर्शन किया और रोहिंग्या मुस्लिम अल्पसंख्यकों के समर्थन के लिए अंतरराष्ट्रीय प्रयासों को पर्याप्त न समझते हुऐ उस की निंदा की।

भारत में भी, सैकड़ों मुसलमानों ने 'आगरतला' शहर में कल इकट्ठा होकर म्यांमार अधिकारियों और सेनाओं द्वारा रोहिंग्या मुसलमानों के खिलाफ हिंसा के खिलाफ अपने क्रोध की घोषणा की।

उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि म्यांमार में जितनी जल्दी हो सके न्याय की स्थापना की जाएगी और हम प्रार्थना करते हैं कि ऐसी हिंसा दुनिया में कहीं भी न हो।

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