IQNA की रिपोर्ट खबर अल Quds अल Arabi के अनुसार, अल्जीरियाई मुस्लिम विद्वान एसोसिएशन, जो देश का सबसे बड़ा धार्मिक संघ है, ने अपने बयान में मुस्लिम विद्वानों को आमंत्रित किया है कि सलफिस्ट नेता मोहम्मद अली फ़र्कूस के विवादास्पद फतवे पर चुप न रहें और, उन्हें ऐक सभा आयोजित करें।
अल्जीरिया में एक सलफ़िस्ट नेता मोहम्मद अली फ़ेर्कूस ने अपने फतवे में "अहले सुन्नत व जमाअत" से मन्सूब होने के लिए ऐसी शर्तें बयान की हैं जिसके आधार पर देश के सूफी समूहों और राजनीतिक कार्यकर्ताओं को उन्होंने सुन्नी मुसलमानों के सर्कल से बाहर कर दिया है।
उन्होंने सूफ़या, मुरजेआ, ख़वारिज, जहमिनेयह, मुअतज़ेलह और अशाऐरह जैसे विभिन्न इस्लामी संप्रदायों के विचारों को सुन्नी समुदाय के विचारों से ख़ाली बताया है।
इस Salafist नेता ने इसी तरह अहले सुन्नत समूह का परिचय कराया जो इस्लाम को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध होते हैं और जोर दिया कि राजनीतिक कार्यकर्ताओं की सुन्नियों के बीच कोई जगह नहीं है
अल्जीरियाई मुस्लिम उम्मा सोसाइटी ने भी, इस सलफ़िस्ट नेता के फ़तवे के जवाब में और इसकी सामग्री का ख़तरनाक बताते हुऐ, मुस्लिम उम्मा के बीच इस सैलाफ़ी नेता के आग भड़काने के खिलाफ चुप न रहने की मांग की है।
यह नोट किया जाऐ कि अल्जीरिया, एक मुस्लिम देश और इस्लाम, सरकारी धर्म है, सलफ़ीयत के अनुयायियों के लिए कोई सटीक आंकड़े नहीं हैं, लेकिन स्थानीय मीडिया के मुताबिक, इस देश में 20 मस्जिदें सलफ़िस्ट समूहों की हैं।
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